“गीता प्रेस केवल एक प्रिंटिंग प्रेस या संस्था नहीं बल्कि एक जीवंत आस्था है। प्रकाशक 'मानवता का मार्गदर्शन' कर रहा है। करोड़ों लोगों के लिए यह किसी मंदिर से कम नहीं है। इसके नाम के साथ-साथ काम में भी गीता है। जहां गीता है, वहां साक्षात् कृष्ण हैं। जहां कृष्ण हैं, वहां करुणा भी है और कर्म भी। 1923 में गीता प्रेस के रूप में जो आध्यात्मिक ज्योति प्रज्वलित हुई, आज वह ज्योति मानवता का मार्गदर्शन कर रही है, ”
श्री नरेन्द्र मोदी
माननीय प्रधानमन्त्री

धर्मशास्त्र क्या है ?

शास्ति च त्रायते च। शिष्यते अनेन।

परमपिता परमात्मा द्वारा प्रदत्त, एवं भगवान् की ही कृपा से ऋषि-मुनियों को प्राप्त वह लिपिबद्ध शब्दमाला जो कि हमें अनुशासन प्रदान कर हमारी रक्षा करती है, हमें कर्त्तव्य-अकर्तव्य का बोध कराती है, धर्मपथ पर न केवल मार्गदर्शन करती है, बल्कि परलोक को सुखकारी बनाती है, हमें ईश्वर से जोड़ देती है. हमारी उँगली पकड़कर हमें भगवान की ओर चलाती है, उसे ‘शास्त्र’ कहा गया है। एवं लोक-कल्याण हो या परलोक कल्याण शास्त्र दोनों के लिए ही अनिवार्य सेतु है..______साईट संचालक

हमने देखा कि धार्मिक ग्रन्थो या पुस्तकों को प्रतिदिन अपने कार्यालय ले जाना, अथवा किसी यात्रा पर अपने साथ ले जाना सम्भव नहीं हो पाता, और न ही पुस्तक-रूप में विपुल साहित्य को प्रत्येक व्यक्ति अपने पास संग्रहित करके नहीं रख सकता। इसलिए हमने कल्याण-पत्रिका की पिछले ९ वर्ष की उपलब्ध प्रतियों को पीडीऍफ़ रूप में संकलित करके आपके लिए उपलब्ध किया है। जिनमे कि पूर्व के सैकड़ो वर्षो से लेकर वर्तमान तक के सभी धर्मगुरुओ के साधू संतो के अमृतस्वरुप लेख है, धार्मिक ग्रन्थो को सरल रूप में सार रूप में लेखो के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। साथ ही इसमें अलग से , हम आपको पूर्व के और नवीन कुल मिलाकर ४१ कल्याण-विशेषांक ग्रन्थ भी दे रहे है। जिनमे से कि कई कल्याण-विशेषांक अब अप्राप्य भी है, और छपने बन्द हो गए है।
साथ ही इस पैक में हम आपको सभी वेद,उपनिषद,दर्शन-ग्रन्थ, सभी पुराण, सभी स्मृतिया, रामचरित-मानस, महाभारत सहित सनातन धर्म के लगभग सभी ग्रन्थो को स्वच्छ एवं स्पष्ट शब्दों में पीडीऍफ़ रूप में उपलब्ध करा रहे है। इसके अतिरिक 100 से अधिक ग्रन्थ सनातन धर्म के प्रमाणिक आचार्यो के भी है।
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